Facts About Shodashi Revealed
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां
Her 3rd eye represents larger notion, encouraging devotees see further than physical appearances into the essence of fact. As Tripura Sundari, she embodies like, compassion, along with the joy of existence, encouraging devotees to embrace daily life with open hearts and minds.
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।
दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।
हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः
देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
श्रीमत्सिंहासनेशी read more प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥